प्रबन्धक की ओर से सन्देश
Manager, Sri Shiva Degree College
Shri Bhavesh Mishra
ॐ असतो मा सद्गमय। तमसो मा ज्योतिर्गमय। मृत्योर्मामृतं गमय ॥
मुझे असत्य से सत्य की ओर । मुझे अन्धकार से प्रकाश की ओर और मुझे मृत्यु से अमरता की ओर ले चलो ॥
वृहदारण्यक उपनिषद का यह श्लोक हमें एक राह दिखाता है परन्तु क्या इस राह पर हम बिना शिक्षा के चल सकते है। क्या हमारी आज की शिक्षा इस राह पर हमें ले चलने में सक्षम है? शायद नहीं। शिक्षा का उद्देश्य कभी ज्ञानार्जन रहा होगा, जिससे हमारे देश में चाणक्य जैसा अर्थशास्त्री पाणिनि और पतंजलि जैस विद्वान तथा पिंगल, वाग्भट्ट, जीवक जैसे वैज्ञानिक हुए। आज शिक्षा का उद्देश्य डिग्री प्राप्त करना ही रह गया है चाहे उसके लिए कोई भी साधन क्यों न अपनाना पड़े। आज प्रदेश की शिक्षा ब्यवस्था एक दो राहे पर खड़ी है यह हम सबको तय करना है कि हम किधर जाऐं।
मैं इस महाविद्यालय में आप का स्वागत करता हूँ। इस महाविद्यालय में छात्रों का हित ही सर्वोपरि है। किसी भी शिक्षण संस्थान के विकास और सुचारू संचालन के लिए छात्रों, शिक्षकों, प्रबंधतंत्र तथा अन्य स्टाफ के समन्वित सहयोग की आवश्यकता होती है। आइये हम सब मिलकर इस महाविद्यालय में एक अनुशासित और स्वच्छ वातावरण का निर्माण करें, जो दूसरों के लिए एक उदाहरण बन सके।